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Hindi Suvichar

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धनधोर अंधेरो एक तरफ छोते से

टीपक की रौशनी एक तरफ मुश्किले

कितनी भी हो टीपक की तरह डटे रहो

सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी

कुछ पुस्तकें चलने मात्र की होती हैं,

दूसरी निगाह डालने योग्य और कुछ ऐसी होती हैं,

जिन्हें चबाया और पचाया जा सके.

प्रतिभा अपनी राह स्वयं निर्धारित कर लेती है

और अपना दीप स्वयं ले चलती है.”

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