Hindi Shayari
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई
मरने क्व बाद याद आ रहा है कोई
कुछ पल की मोहलत देदे ऐ खुदा
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई
पत्थर समझ कर पाँव से ठोकर लगा दी,
अफसोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे,
क्या उमीदें बांध कर आया था सामने,
उसने तो आँख भर के देखा नहीं मुझे
रह जाएगी दिल में एक कसक सारी उम्र,
रह जाएगी ज़िन्दगी में तेरी कमी सारी उम्र,
कट तो जायेगा यह ज़िन्दगी का सफर लेकिन
रह जाएगी ख्वाहिश तुझे पाने की सारी उम्र
छुपाये दिल में अजब सा गुबार बैठे हैं,
न जाने कैसे तसव्वुर में यार बैठे हैं,
लुटा चुके हैं मुरव्वत में ज़िन्दगी अपनी,
तेरे लिए तो अना को भी मार बैठे हैं
करोगे याद एक दिन चाहत के ज़माने को,
चले जायेंगे जब हम कभी वापस न आने को,
करेगा महफ़िलों में जब ज़िक्र हमारा कोई,
तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो आँसू बहाने को
किसी के दिल की मायूसी जहाँ से हो के गुजरी है,
हमारी सारी चालाकी वही पे खो के गुजरी है,
तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना हैं,
तुम्हारी सो के गुजरी है, हमारी रो के गुजरी है
उलझी हुई शाम को पाने की ज़िद न करो,
जो अपना ना हो उसे अपनाने की ज़िद न करो,
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते हैं,
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।
प्यार से प्यारी कोई मजबूरी नहीं होती,
अपनों की कमी कभी पूरी नहीं होती,
दिल से जुदा होना अलग बात है पर,
नजरों से दूर होना कोई दूरी नहीं होती