Hindi shayari

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Hindi shayari

ये शाम बहुत तन्हा है मिलने की भी तलब है

पर दिल की सदाओं में वो ताकत ही कहा है

कोशिश भी बहुत की और भरोसा भी बहुत था

मिल जाये बिछड़ कर वो  किस्मत ही कहा है

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