Hindi Shayari 2018 | कोई खुशियों की चाह में रोया

0 Min Read

Hindi Shayari 2018

कोई खुशियों की चाह में रोया

कोई दुखो की पनाह में रोया

अजीब सिलसिला है जिन्दगी का

कोई भरोसे के लिए रोया तो

कोई भरोसा कर के रोया

Share This Article
Exit mobile version