:: Super Hindi Best Suvichar ::
फिर से प्रयास करने से कभी मत घबराना,
क्योंकि इस बार सुरूवात शून्य से नहीं अनुभव से होगी।
इंसान तो हर घर में पैदा होते हैं,
बस इंसानियत कहीं कहीं जन्म लेती है।
प्रेम से रहो दोस्तों जरा सी बात पे रूठ नहीं करते,
पत्ते वही सुंदर दिखते है जो शाख से टूटा नहीं करते।
दूसरों की मदद करते हुए यदि दिल में खुशी हो,
तो वही सेवा है बाकी सब दिखावा है।
कभी भी घमंड या अहंकार में अपना सर ऊँचा ना उठाएं,
याद रखिये स्वर्ण पदक विजेता भी तभी पदक पाता है जब वो अपना सर झुकाता है।
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