Love Shayari 2017-18
नही मिला कोई तुम जैसा आज
तक पर ये सितम अलग है
की मिले तुम भी नही
अंधेरा है कैसे तिरा ख़त पढ़ूँ
लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर
इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
लव शायरी २०१७ – २०१८
Love Shayari 2017-18
इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ
मिरा इश्क़ बे-मज़ा था तिरी दुश्मनी से पहले