Hindi Love shayari
कुछ तो सोचा होगा कायनात ने
तेर मेरे रिश्ते पर
वरना इतनी बड़ी दुनिया में तुझसे
ही बात क्यों होती
ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है,
दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है।
यूं सामने आ जाने पर कतरा के गुजरना,
वादे से मुकर जाना उसे आसान बहुत है।
यादें भी हैं, तल्खी भी है, और है मोहब्बत,
तू ने जो दिया दर्द का सामान बहुत है।
अश्क कभी, लहू कभी, आँख से बरसे,
बेदाग़ मोहब्बत का ये अंजाम बहुत है।
तूने तो सुना होगा मेरे दिल का धड़कना,
छूकर भी देख लेना ये बेजान बहुत है।
बहुत तड़प लिए अब उससे बिछड़ कर,
पा जाएँ खोने वाले को अरमान बहुत है।
मुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँ,
ग़मों से उलझ कर भी मैं मुस्कराता हूँ,
हाथों में मुकद्दर की लकीरें है नहीं लेकिन,
मैं तो अपना मुकद्दर खुद बनाता हूँ
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था
फुर्सत मिली जब हमको तो तन्हाई आ गई,
ग़म भी आया साथ में रुसवाई आ गई,
इन सबसे मिलने आँख में आँसू भी आ गए,
जब याद मेरे दिल को तेरी जुदाई आ गई