हर कर्ज दोस्ती का अदा कौन करेगा…. जब हम ही न रहे तो दोस्ती कौन करेगा। ऐ खुदा मेरे दोस्त को सलामत रखना…. वरना मेरे जीने की दुआ कौन करेगा।