Hindi Suvichar

Hindi Suvichar

अपने हिसाबसे से जिओ लोगो की सोक का क्या

वो क्न्दिसं के हिसाब से बदलती है

आगे चाय में मक्खी गिरे तो के को फेक देते है

ओरे अगर देसी घी में गिरे तो मक्खी को फेक देते है

याद है…
वो बचपन की अमीरी,
न जाने अब कहां खो गई…
वो दिन ही कुछ और थे,
जब बारिश के पानी में हमारे भी
जहाज चला करते थे

ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर…
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन के दिन